व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

श्री अमृतवाणी सत्संग

‘उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत।’

(कठोपनिषद्)

उस आत्मा के जानने के लिये उठो, जागो और श्रेष्ठजनों को पाकर उनके सत्संग से भगवद्भक्ति को समझो अर्थात् श्रेष्ठजनों (अनुभवी सन्त) की शरण् में जाकर अपने आत्म-कल्याण का मार्ग प्राप्त करो।

परमसंत सतगुरु पूज्यपाद श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज द्वारा प्रवर्तित श्री अमृतवाणी सत्संग में आध्यात्मिक कार्यक्रम संचालित होते हैं। सत्संग कार्यक्रम में सामूहिक श्री अमृतवाणी पाठ, भजन-संकीर्तन, श्री भक्ति-प्रकाश का पाठ तथा पूज्य श्री महाराज जी के प्रवचन होते हैं। विशेष अवसरों पर श्रीमदभगवद गीता, श्री रामायणसार पाठ भी आयोजित किये जाते हैं।

आध्यात्मिक लाभ :

  • सत्संग में सम्मिलित होकर हम राम-नाम का ध्यान (Meditation) तथा सिमरन करने की सरलतम व श्रेष्ठतम साधन विधि सीखते हैं।
  • गीता और रामायण के अनुरूप जीवन जीने की कला सीखने को मिलती है।
  • सत्संग में सम्मिलित होने पर मन की आन्तरिक शांति का अनुभव होता है।
  • यहां हम केवल आध्यात्मिक शान्ति प्राप्त करने हेतु आते हैं तथा तनावरहित होकर आत्मिक आनन्द लाभ करते हैं।

हमारे सत्संग की विशेषताएँ :

  • यह पूर्णतया संत-पथ है, मत या सम्प्रदाय नहीं।
  • यह पूर्णतया विशुद्ध आध्यात्मिक सत्संग है।
  • हम परमात्मदेव का मानस पूजन करते हैं।
  • आत्म जागृति का सुगमतम पथ।
  • समयबद्धता एवं पूर्ण अनुशासन का पालन ।
  • कोई भेंट व चढ़ावा नहीं।
  • गुरु-पूजा नहीं । यहाँ परमेश्वर के पतित पावन नाम की उपासना की जाती है।
  • पैर छूना – छुलवाना वर्जित है।
  • सिमरन और सेवा हमारी उपासना का मुख्य अंग है।