व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

धन्यवाद – पुष्पांजलि

30th Jun 2023

संत शिरोमणि प्रातः स्मरणीय ब्रह्मनिष्ठ पूज्यपाद श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज

धन्यवाद -पुष्पांजलि

 

चैत्र पूर्णिमा सन् 1962, पूज्यपाद श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज के शुभ जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में राम सेवक संघ, ग्वालियर के प्रथम सदस्य आदरणीय श्री देवेन्द्र सिंह बेरी जी द्वारा ये भाव व्यक्त किये गये थे-
राम नाम के दानी, श्री गुरुदेवजी महाराज आपका धन्यवाद हो, धन्यवाद हो !
 सच्चे धर्मोपदेशक, शुभ दर्शन स्वामी आपका धन्यवाद हो !
 नर-नारियों के उद्धार के लिए, बिगड़ों के सुख के लिए, दुःख सागर में डूबतों के निस्तार के लिए, नगर और ग्राम-ग्राम में पर्यटन करके, राम-नाम के प्रचारक संत, हृदयों में सुख संचारक, सौम्य स्वभाव और संत आपका धन्यवाद हो !
एक मात्र सत्य के विस्तारक, महावीर परमधीर, अति गंभीर श्री गुरुदेव महाराज आपका धन्यवाद हो !
मान-अपमान, राग-द्वेष से दूर, प्रेम अमृत से भरपूर, ऋषि-मुनियों की आन, सनातन संस्कृति के जीवन और प्राण, अद्वितीय विद्वान और गुण निधान, महान् महामुनि आपका धन्यवाद हो !

स्वार्थ के नाशक, परमार्थ के प्रकाशक, तेज उठा पुण्यधाम, धन्यनाम आपका धन्यवाद हो !

प्रेम की डगर बता के, ज्ञान की गंगा बहा के, विशुद्ध भक्ति जीवन के प्रदान कर्ता, पाप-ताप हर्ता, भक्तराज सफल मनोरथ, सिद्धकाज सद्गुरु आपका धन्यवाद हो !
राम के प्यारे, हमारे आश्रय और सहारे, आपका धन्यवाद हो !
 उज्जवल ज्योति दिखाकर, भय-भ्रम-भूल को मिटाकर पक्षपात और साम्प्रदायिकता को हटाकर, कुमत, कुपंथ के निवर्तक, परिब्राजकाचार्य,
पूज्यपाद गुरुदेव आपका बार-बार धन्यवाद हो !
 कलियुग की कला मिटाने वाले, सतयुग की आशा बँधाने वाले, हमारे उत्साह को बढ़ाने वाले आपका धन्यवाद हो !
आत्मज्ञान के अमृत सरोवर में स्नान करवाकर, शान्ति के दाता, परम ध्यानी योगीश्वर आपका धन्यवाद हो !
महा-तपस्या के धारी, अविद्या- अंधकार के हारी, अखण्ड ब्रह्मचारी, यतिराज, आपका धन्यवाद हो !

कर्मभूमि के पूज्य देव आदर्श जीवनधारी, आपका धन्यवाद हो !

कार्यक्षेत्र में अटल वीर, सुख दुःख में अचल धीर, ज्ञान वाटिका के आनंद मीर आपका धन्यवाद हो !
हमारे प्रेम के पवित्र धाम, श्रद्धा और भक्ति के उत्तम भाजन बोध के कारण, विद्या – बुद्धि के भंडार आपका धन्यवाद हो !
धन्यवाद हो ! हमारे गुरुदेव परम पदधामी आपका बार- बार धन्यवाद हो !
कोटिशः धन्यवाद हो ! रोम-रोम से धन्यवाद हो ! अंत:करण से धन्यवाद हो ! युग-युगान्तर में धन्यवाद हो !