हमने देख लिया जग का नजारा, कि बाबा जैसा और कोई ना ।
12th Apr 2025
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पूज्यपाद श्री स्वामीजी महाराज द्वारा लिखित पत्र
18th Apr 2024पूज्यपाद श्री स्वामीजी महाराज द्वारा लिखित पत्र
श्रीराम
देहली।
13.10.50
श्रीयुत …….. जी,
बहुत-बहुत आशीर्वाद।
आपका 9.10.50 का पत्र लाला भगवान दास जी के द्वारा मुझे मिला। तदर्थ धन्यवाद।
आप अपनी लगन को और श्रीराम प्रेम को नवतर बनाये रखने के वास्ते एक यह भी साधन आवश्यक समझें कि वर्षभर में एक-आध घंटे के लिए मुझे मिल जाया करें। इससे साधक को बहुत उत्साह प्राप्त होता है और सम्पर्क भी बना रहता है।
श्रीराम नाम का आराधन, ध्यान, सिमरन करते रहियेगा। श्रीराम कृपा आप पर सदा बनी रहे।
आपका मंगलाकांक्षी
सत्यानन्द ।
[राम सेवक संघ, ग्वालियर के वरिष्ठ साधक की धरोहर से]
सच्चे सन्त के संग से, चढ़े भक्ति का रंग।
नित्य सवाया वह बढ़े, कभी न होने भंग ॥
पूज्यपाद श्री स्वामी जी महाराज के इस पत्र से यह स्पष्ट होता है कि हमें समय-समय पर अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शक के सम्पर्क में रहना चाहिए।
इससे आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है, हमारी आध्यात्मिक समस्याओं का निराकरण होता है तथा भक्ति सुदृढ़ तथा सुफलित होती है।
[राम सेवक संघ, ग्वालियर के वरिष्ठ साधक की धरोहर से]