व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

पूज्यश्री (डॉ.) विश्वामित्र जी महाराज के आध्यात्मिक सन्देश

07th Jun 2023

पूज्यश्री (डॉ.) विश्वामित्र जी महाराज के आध्यात्मिक सन्देश

• जैसी करनी वैसा फल, आज नहीं तो निश्चय कल ।

• परमात्मा का स्मरण सबसे बड़ी सम्पत्ति एवं परमात्मा का विस्मरण सबसे बड़ी विपत्ति ।

• मन की शांति परम आनंदित, राम हमको दीजिये । आत्मनिर्भर परम-निर्भर, दिव्य जीवन दीजिये ॥

• हे परमात्मा! मैं तेरा हूँ और तू ही मेरा है।

• जो आप भगवान् को नहीं खिला सकते हो, वह आप न खाइये । जो आप भगवान को नहीं पिला सकते हो, आप न पीजिये । जो काम आप भगवान् को समर्पित नहीं कर सकते, वह स्वयं भी कीजिये ।

• जो परमात्मा को सुहृद नहीं अपितु परम- सुहृद जान लेता है, उसे परम-शान्ति मिल जाती है । परमात्मा अनुकूल परिस्थिति देता है तो परम हितकारी और प्रतिकूल परिस्थिति देवे, तो महा मंगलकारी है ।

• शास्त्र कहता है- मृत्यु का समय, स्थान एवं ढंग निश्चित है । इस तथ्य को तथा आप्तजनों के वचनों को अक्षरशः संशयरहित स्वीकार करना ही विश्वास है ।

• परमेश्वर की करणी में कोई त्रुटि नहीं, कोई दोष नहीं है । परमेश्वर कीकरण को सहर्ष शिरोधार्य करना ही भक्ति है ।

• आचरण से ही व्यक्ति की वास्तविक पहचान होती है। हम सबका व्यवहार बहुत मृदु और सौम्य होना चाहिए ।

• परमात्मा की शक्ति ही राम-राम जपा रही है । हे राम ! तू मेरी हर आवश्यकता के लिए पर्याप्त है। तू है तो सब कुछ है, तू नहीं तो कुछ भी नहीं ।

• जो निंदनीय को वंदनीय बना दे, वह है राम- कृपा ।

जो अयोग्य को सुयोग्य बना दे, वह है राम-कृपा ।

जो असम्भव को सम्भव कर दे, वह है राम कृपा ।