व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

‘माला’ संकट-हारिणी, पाप-नाशिनी और सुख-दायिनी है!

20th May 2024

॥ श्री राम ॥

‘माला’ संकट-हारिणी, पाप-नाशिनी और सुख-दायिनी है!

माला (जपनी)- यह माला बड़ा ग्रन्थ है। यह सदा बना रहता है। भक्त राम-नाम की माला से तर जाता है। यदि यह साथ में हो, तो अन्य मित्र या साथियों की आवश्यकता नहीं। यह लोक- परलोक का साथी है।
■ माला बड़ी अच्छी चीज़ है। भाव से फेरने से बड़ा लाभ होता है। इससे जाप में दिल बड़ा लगता है। जो कहते हैं- हमारा माला से दिल नहीं लगता, उन्होंने कभी माला फेरी ही नहीं। साधना के लिये माला फेरना बड़ी अच्छी विधि है।
■ माला से नाम का संस्कार अन्दर भर जाता है। एक क्षण के लिये भी नाम में मन लग जाने पर जन्म-जन्मान्तर के मैल धुल जाते हैं और जाप करते समय कभी न कभी मन लग ही जाता है।
■ माला काम-काज में लगे आदमियों के लिये बड़ा अवलम्बन है। जब नींद रात को खुल जाये तो उस समय माला फेरने लग जाये। इससे बड़ा लाभ होगा।
■ माला एक औषधि भी है। हर समय मन से काम करना कठिन होता है, उस समय माला फेरने से थकान नहीं होती।
■ भोजन के तुरन्त उपरान्त माला फेरना पाचन को भी ठीक करता है।
■ राम-नाम से बढ़कर कोई मन्त्र नहीं। यह कमाल का वशीकरण मन्त्र है। माला ताबीज का भी काम देती है। यह असुरों से रक्षा करती है।
■ माला संकटों का भी निवारण करती है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं। माला संकट-हारिणी, पाप-नाशिनी और सुख-दायिनी है।
■ माला से हस्त-लाघव पैदा होता है और अंगुलियों में विद्युत शक्ति पैदा हो जाती है। यह शरीर की विद्युत को जाग्रत करती है। अंगुलियों को कहीं भी फेरो इससे लाभ होगा। इससे रोग- निवारण की शक्ति भी आ जाती है।

जपते राम-नाम महा-माला, लगता नरक-द्वार पै ताला।

 माला के विषय में पूज्यपाद श्रीस्वामी जी महाराज ने एक बार कहा-

1. माला जप में बड़ी सहायक वस्तु है।
2. इस पर प्रतिदिन कम से कम दस हजार का जाप करना चाहिये।
3. इसे बड़े आदर से पवित्र स्थान पर सुरक्षित रखना चाहिये।
4. टूटने पर या बहुत पुरानी होने पर बदली जा सकती है।
5. वैसे तो माला चन्दन, तुलसी, रुद्राक्ष आदि किसी भी वस्तु की बनी हो सकती है, पर हम ऊन की बनी हुई माला का प्रयोग करते हैं।
6. माला किसी भी रंग की हो सकती है।
प्रेषक : श्रीराम शरणम्, रामसेवक संघ, ग्वालियर