गीता – ज्ञान-यज्ञ [1 सितम्बर से 7 सितम्बर 2023 तक ]
14th Aug 2023गीता – ज्ञान-यज्ञ
[1 सितम्बर से 7 सितम्बर 2023 तक ]
भगवद्गीता ज्ञान की, गंगा निर्मल नीर । भक्तों के मनोभाविनी, आत्म-दर्शन तीर ॥
गीता गागर में भरा, सागर ज्ञान महान । कर्मयोग के पन्थ में, चमके सूर्य समान ॥
(भक्ति-प्रकाश)
भगवान कृष्ण ने श्रीमुख से स्वयं कहा है, ‘गीता का पाठ करना और उसको सुनना – सुनाना ज्ञान – यज्ञ है, उससे मैं पूजा जाता हूँ ।’
श्रीमद्भगवद् गीता हिन्दुओं के ज्ञान-निधि में एक चिन्तामणि रत्न है । सत्य पथ को प्रदर्शित करने के लिए गीता अद्वितीय और अद्भुत ज्योति स्तम्भ है। इसमें कर्म, भक्ति एवं ज्ञान का समन्वय है, इसलिए यह एक जीवनशास्त्र है। यह आत्म-ज्ञान की गंगा है।
श्री माधव सत्संग आश्रम, श्रीरामशरणम् ग्वालियर में प्रति वर्ष की भाँति श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गीता-ज्ञान-यज्ञ का आयोजन किया गया है, जिसमें परम संत श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा अनुवादित श्रीमद्भगवद् गीता का पाठ किया जाता है।
श्रीमद्भगवद् गीता का यह माहात्म्य है कि इसको जीवन में बसाने से और कर्मों में ले आने से मनुष्य का व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन उन्नत होकर उसका यह लोक सुधर जाता है और साथ ही आत्मा-परमात्मा का शुद्ध बोध हो जाने से उसकी जन्म- बन्ध से मुक्ति भी हो जाती है।
पूज्यपाद श्री स्वामी जी का कथन है- हम सबको जन्माष्टमी के अवसर पर एक सप्ताह के लिए दैनिक गीता पाठ करना चाहिए तथा आम लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि इससे जाति को लाभ होता है। (प्रवचन पीयूष )
गीता-पाठ करने की विधि
- गीता पाठ दिनांक 1 सितम्बर, शुक्रवार से प्रारम्भ होगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 7 सितम्बर, गुरुवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री माधव सत्संग आश्रम में होगी ।
- यह पाठ नित्य प्रातः 7 से 8 बजे तक आश्रम में हुआ करेगा। जो साधक आश्रम में नहीं आ सकते, वे घर पर भी गीता-पाठ कर सकते हैं ।
- लगभग 50 पृष्ठ प्रतिदिन पढ़कर 6 सितम्बर, बुधवार तक 17 अध्याय पूर्ण करने होंगे। यदि आप एक बार में पढ़ सकें तो दो-तीन बार में पढ़कर भी पाठ पूर्ण किया जा सकता है ।
- अठारहवें अध्याय का पाठ 7 सितम्बर, गुरुवार (श्री कृष्ण जन्माष्टमी) को प्रातः 7.30 से 9.00 बजे तक आश्रम में आयोजित विशेष सत्संग में होगा। (कृपया समय से पूर्व पधारें)
यदि आश्रम में आपका आना किसी कारणवश बिल्कुल भी संभव नहीं हो तो 18वां अध्याय घर पर पढ़कर भी गीता-पाठ का समापन किया जा सकता है । - पाठ करने हेतु गीता आपको मिल जायेगी, जो पाठ की समाप्ति पर आप लौटा सकेंगे। यदि आप इसे क्रय करना चाहें तो क्रय भी कर सकते हैं ।
- कृपया परमात्मा को प्रणाम कर पाठ प्रारम्भ किया करें तथा पाठ-समाप्ति पर भी प्रणाम करें। अनुरोध है इस पुनीत यज्ञ में अपने स्नेहीजनों सहित गीता पाठ कर जीवन सार्थक बनायें ।
सम्पर्क सूत्र-
श्री सुरेश केलवानी – 9827670634
श्री आर. पी. सिंह – 9425775065
श्रीमती वंदना गुप्ता – 8989476802
निवेदक
श्री माधव सत्संग आश्रम
(श्रीराम शरणम्)
श्री अम्मा महाराज की छत्री (उत्तरी गेट) महादजी पार्क, हरिदर्शन विद्यालय मार्ग
लश्कर, ग्वालियर (म.प्र.)